अलीगढ़। 14 साल की बेटी मगरमच्छ से लड़कर अपनी मां को बचा लाई। महिला काली नदी के किनारे घास काट रही थी। तभी नदी से निकले मगरमच्छ ने जबड़े में महिला हाथ भर लिया। मां की चीख सुन बेटी दरांती लेकर दौड़ पड़ी और मगरमच्छ की आंख पर वार किया। महिला को छोड़ मगरमच्छ नदी में चला गया।
अहमदपुरा निवासी शोभाराम की 45 वर्षीय पत्नी सत्यवती दोपहर के समय 14 वर्षीय बेटी गुड़िया के साथ चारा लेने गई थीं। गांव के निकट से जा रही काली नदी के किनारे मां-बेटी घास काट रही थीं। नदी से निकले मगरमच्छ ने महिला पर हमला कर दिया और एक हाथ जबड़े में दबा लिया। बेटी ने दरांती से प्रहार कर मगरमच्छ की एक आंख फोड़ दी। चोट लगने से मगरमच्छ महिला को छोड़ नदी में चला गया। सूचना पर ग्रामीण व स्वजन पहुंच गए। ग्रामीणों ने मगरमच्छ की काफी तलाशा, मगर नहीं मिला। घायल महिला का निजी चिकित्सक से उपचार कराकर स्वजन घर ले गए। हल्का लेखपाल गांव पहुंचे और घटना की जानकारी करउच्चाधिकारियों को बताया।
मगरमच्छ की त्वचा कठोर होती है। आंख ही उसका एकमात्र नाजुक अंग होता है। आंख पर हमला करने से मगरमच्छ पकड़ ढीली कर सकता है। मगरमच्छ को केवल हानि पहुंचाने के इरादे से आंख पर हमला किया गया है तो यह वन्यजीव अधिनियम का उल्लंघन है। इसमें सजा का प्रविधान है। मगरमच्छ की प्रवृत्ति नहीं होती कि वह पानी से निकलकर किसी पर हमला करें। यह किसी भी हलचल पर तुरंत पानी में चला जाता है। दिवाकर कुमार वशिष्ठ, जिला वन अधिकारी।