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केदारनाथ मंदिर के चबूतरे के पास में लगाया जाएगा पचास टन भारी ‘ऊँ’ का निशान, भक्तों के आकर्षण का रहेगा केंद्र

रुदप्रयाग। केदारनाथ मंदिर में चबूतरे के पास पचास टन का ‘ऊँ’ का निशान लगाया जाएगा। इसका ट्रायल सोमवार को किया गया। लगभग दो सप्ताह में पूरी तरह फिट कर दिया जाएगा। केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाए जाने, मंदिर के अंदर कलश व छत्र सोने का लगने के बाद अब धाम में पचास टन भारी ऊँ का निशान लगाया जाएगा, इसके लिए कार्य शुरू हो गया है।

केदारनाथ आपदा के नौ वर्ष बाद भगवान के शिव आराध्य गुरू ईशानेश्वर को अपना आशियाना मिल सकेगा, अंतिम दौर का कार्य चल रहा है, और इसी महीने कार्य पूरा होने की उम्मीद है। आपदा के बाद से भगवान की मूर्तियों की खुले आसमान के नीचे ही पूजा अर्चना हो रही है। बाबा केदार की पूजा-अर्चना व भोग से पहले ईशानेश्वर महादेव की अराधना कर भोग लगाने की परम्परा है। सुख-समृद्धि और वैभव का प्रतीक भी माना जाता है। केदारनाथ धाम में स्थित ईशानेश्वर मंदिर प्राचीन मंदिर है। विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ धाम का मंदिर का निर्माण पाण्डवों ने किया था।

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