Breaking News
उत्तराखंड परिवहन निगम को मिलेंगी 130 रोडवेज बसें, पर्वतीय मार्गों पर सफर होगा सुखद 
फुटपाथ घेरकर सामान सजाने वाले दुकानदारों के खिलाफ प्रशासन ने चलाया अभियान 
जल स्रोतों में जल उपलब्धता के लिए “स्प्रिंगशैड मैनेजमेन्ट प्लान” के तहत होगा कार्य- महाराज
कांग्रेस 23 अक्टूबर से शुरू करेगी दिल्ली जोड़ो यात्रा, इन मुद्दों पर दिया जायेगा जोर
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर लागू हो सकता है यूसीसी, नियमों को दिया गया अंतिम रूप
शनाया कपूर इस फिल्म से रख रहीं बॉलीवुड में कदम, विक्रांत मैसी के साथ जमेगी जोड़ी
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी
दूध से नहाकर आपको मिल सकती है चमकती हुई त्वचा, जानिए ऐसा करने के मुख्य लाभ
प्राथमिक शिक्षकों को मिले नियुक्ति पत्र

हाथ से जुड़ेंगे हाथ

कांग्रेस ने 26 जनवरी से ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। यह मुहिम भी 30 जनवरी को श्रीनगर में पूरी होने जा रही भारत जोड़ो यात्रा जैसी ही महत्त्वाकांक्षी है।

कांग्रेस के नजरिए से यह अच्छी बात है कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही संगठन को सक्रिय रखने की योजना पार्टी नेतृत्व ने घोषित कर दी है। किसी संगठन के लिए सबसे हानिकारक बात यही होती है कि नेतृत्व कोई दिशा और कार्यक्रम देने में नाकाम रहता है, जिससे कार्यकर्ता निष्क्रिय होने लगते हैँ। तो कांग्रेस ने 26 जनवरी से ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। यह मुहिम भी 30 जनवरी को श्रीनगर में पूरी होने जा रही भारत जोड़ो यात्रा जैसी ही महत्त्वाकांक्षी है। दरअसल, जब इस यात्रा का कार्यक्रम घोषित किया गया था, तब ज्यादातर लोगों को उम्मीद नहीं थी कि सचमुच राहुल गांधी और अन्य ‘भारत यात्री’ साढ़े तीन हजार किलोमीटर पैदल चलेंगे। तब यह भी अनुमान नहीं था कि यह यात्रा इतनी प्रभावशाली होगी। इस यात्रा की सफलता ने कांग्रेस और उससे जुड़े लोगों की साख कायम की है। सबसे ज्यादा साख राहुल गांधी की बढ़ी है, जिन्हें अब एक जमीनी समझ रखने वाले और आम जन से जुड़े नेता के रूप में देखा जाने लगा है।

इसलिए अब उन्होंने नए अभियान को लेकर आम जन को जो पत्र लिखा है, उसे हलके से नहीं लिया जाएगा। कांग्रेस ने दावा किया है कि इस मुहिम के दौरान उसके कार्यकर्ता राहुल गांधी का वह पत्र और मोदी सरकार के खिलाफ ‘चार्जशीट’ लेकर सभी छह लाख गांवों में घर-घर जाएंगे। पार्टी ने इस ‘अराजनीतिक’ भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस की राजनीतिक पहुंच का अभियान बताया है।

इसलिए इसमें पार्टी के चुनाव निशान ‘हाथ’ को प्रमुखता दी गई है। जाहिर है, इस मुहिम के जरिए पार्टी लोगों से अपना हाथ कांग्रेस के ‘हाथ’ से जोडऩे का आह्वान कर रही है। स्पष्टत: इसमें सफलता को लेकर फिलहाल उतना ही संदेह है, जितना भारत जोड़ो यात्रा से पहले उसकी सफलता को लेकर था। बहरहाल, यह जरूर कहा जा सकता है कि भले इस अभियान में कांग्रेस को लोगों को खुद से जोडऩे में भले वैसी कामयाबी ना मिले, लेकिन इससे पार्टी संगठन में गति और सक्रियता बनी रहेगी, जो गुजरे दशकों में जमीन से कटती गई गई इस पार्टी के लिए अपने-आप में बेहद महत्त्वपूर्ण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top