यातायात कर्मियों को फोन सुनने से फुर्सत नहीं
देहरादून। दून का राजपुर रोड स्थित जाखन भी अब जाम का हब बनता जा रहा हैं। वहीं यातायात सुधारने के लिए लगाये गये पुलिस कर्मियों को फोन पर बात करने से ही फुर्सत नहीं मिलती तो वह जाम क्या खुलवायेंगे?
राजधानी बनने के बाद से दून में यातायात आम जनता व पुलिस के लिए सिरदर्द बनता गया। आये दिन दून की सडकों पर जाम का नजारा देखने को मिलता है। जो भी पुलिस अधिकारी दून की कमान सम्भालता है, उसका पहला टारर्गेट यातायात ही होता है। जिसके लिए वह नये प्रयोग करता है लेकिन जाम है कि वह मानने को तैयार नहीं होता। जिसके बाद कुछ समय तक तो अधिकारी यहां पर प्रयोग करते हैं उसके बाद वह भी इस जाम को अपने हाल पर छोडकर चुप्पी साधकर बैठ जाते हैं।
घंटाघर चौक, दर्शनलाल चौक, तहसील चौक, सर्वे चौक आदि स्थानों पर जाम लगना आम बात हो ही गयी है लेकिन अब एक नया स्थान भी सामने आ गया है। राजपुर रोड पर मसूरी जाने वाले रास्ते जाखन भी अब जाम का हब बनता जा रहा है। अब वहां पर आये दिन जाम लगना आम बात हो गया है। यह वह रास्ता है जहां से पचास गांवों के लोग वहां से गुजरते हैं। जोहडी मार्ग से जहां पचास गांव जुडते हैं तो वहीे दून विहार, जाखन गांव के लोग भी वहीं से गुजरते हैं। एक तो जाम की वजह बडे व छोटे वाहन हैं तो दूसरी तरफ फुटपाथ पर लगने वाली फड भी जाम का एक कारण हैं। पुलिस अधिकारियों को कई बार इसकी शिकायत करने के बाद भी यहां से फड नहीं हटाये गये। इसमें कुछ हद तक जाखन पुलिस चौकी भी जिम्मेदार मानी जा सकती है। वहीं आये दिन जाम की सूचना मिलने के बाद पुलिस अधिकारियों ने वहां पर सिपाहियों की डयूटी लगानी शुरू कर दी। लेकिन यह क्या वहां पर डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को फोन पर बातें करने से फुर्सत मिले तो वह जाम खुलवायें। वह भी एक तरफ खडे होकर फोन पर बतियाने के अलावा उनके पास कोई और काम हो यह दिखायी नहीं देता। अब तो जैसे शहर के जाम को भगवान भरोसे छोड अधिकारी शांत बैठ गये हैं उसी तरह जाखन के जाम को भी भगवान भरोसे ही छोडकर वहां के निवासियों को शांत बैठना ही पडेगा।