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निरंजन पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरि जी महाराज के त्रिदिवसीय भरत चरित्र कथा में पधारे सांसद अरुण गोविल

मेरठ।  मेरठ के द्वारिका हाइट्स में निरंजन पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 आचार्य महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी कैलाशानन्द गिरि जी महाराज के मुखारबिंद से हो रहे त्रिदिवसीय भरत चरित्र कथा के तृतीय दिवस में मेरठ से सांसद और दूरदर्शन पर दिखाई जाने वाले “रामायण” में भगवान श्री राम जी का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल पधारे।

पूज्य गुरु जी ने कहा कि जिस रामायण को पूरे भारत के सत्य सनातनी लोगों, धर्मावलंबियों ने भगवान श्रीराम के रूप में अरुण गोविल को देखा और आज भी जो सनातनी लोग है वो इनमें भगवान श्रीराम को देखते हैं।

पूज्य गुरु जी ने अपने कथा में कहा कि “साधु चरित सुभ चरित कपासू। निरस बिसद गुनमय फल जासू॥ जो सहि दुख परछिद्र दुरावा। बंदनीय जेहिं जग जस पावा॥” अर्थात् साधु का चरित्र कपास रूई से भी अधिक कोमल पवित्र होता है, जिसका फल बिना रस का विशुद्ध और गुणकारी होता है। क्योंकि वो महादेव के सेवक होते हैं, गण होते हैं और महादेव जैसे भोले भाले होते हैं। हम भैया भरत की कथा कर रहे हैं वो भी साधु हैं।
इस अवसर पर अनेक गणमान्यजनों और भक्तों ने कथा श्रवण कर अपने जीवन को धन्य किया।

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