नई दिल्ली। मंत्रिमंडल ने चालू खरीफ मौसम के लिए फॉस्फेट एवं पोटास (पी एंड के) वाले उर्वरकों के लिए पोषक-तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) की दरों को बुधवार को मंजूरी दी और कहा कि वह खरीफ बुवाई सत्र 2023 के लिए पी एंड के उवरकों पर किसानों को कुल 38,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ देगी। इसके साथ सरकार ने 2022-23 के रबी सत्र के तीन महीनों (जनवरी-मार्च 2023) के लिए फॉस्फेट एवं पोटास (पी एंड के) नाइट्रोजन तथा सल्फर वाले रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी (एनबीएस) की दरों में संशोधन के प्रस्तावों को आज मंजूरी दी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि कैबिनेट ने तय किया है कि सरकार खाद के दाम नहीं बढ़ाएगी। खरीफ फसलों के लिए सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से किसानों को काफी लाभ होगा।?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस बारे में उर्वरक विभाग द्वारा रखे गए प्रस्तावों को स्वीकृति दी गयी। इस बैठक के बाद जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘मंत्रिमंडल ने रबी सीजन 2022-23 (एक जनवरी से 31 मार्च 2023) के लिए नाइट्रोजन (एन), फास्फोरस (पी), पोटाश (के) और सल्फर (एस) वाले उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों में संशोधन के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी और खरीफ सीजन, 2023 (एक अप्रैल से 30 सितंबर, 2023 तक) के लिए फॉस्फेट वाले और पोटास वाले (पी एंड के) उर्वरकों के लिए एनबीएस की प्रस्तावित दरों को स्वीकार किया।
पी एंड के उर्वरकों पर एनबीएस योजना अप्रैल 2010 से चल रही है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि आज के निर्णय से कुल 25 ग्रेड (वर्ग) के फॉस्फोरस और पोटास वाले उर्वरकों पर किसानों को सब्सिडी प्राप्त होगी। सरकार का कहना है कि वह इस नीति से किसानों खरीफ की खेती के मौसम में किसानों को डाई अमोनिया फॉस्फेट (डीएपी) की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी साथ ही उन्हें उर्वरक सस्ते और उचित दामों पर उपलब्ध होंगे।