चम्पावत। टनकपुर में डेढ़ हजार से अधिक कारोबारियों पर रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। शारदा नदी में गेट खुलने के बाद भी अब तक खनन निकासी नहीं हो पाई है। जबकि पिछले वर्ष 17 दिसंबर से शारदा नदी में खनन निकासी कार्य शुरू हो गया था। शारदा नदी में खनन गेट खुले एक माह का समय बीतने को है। लेकिन अब तक खनन निकासी नहीं हो पाई है। इसका कारण कारोबारियों का निगम और क्रशर संचालकों के साथ रॉयल्टी पर सहमति न बनना है। पिछले वर्ष दिसंबर से ही खनन निकासी का कार्य शुरू हो गया था। जिसमें कुल 735 वाहन पंजीकृत थे। जिनसे करीब डेढ़ हजार से अधिक परिवारों का घर पलता है। सरकार को प्रतिदिन 15 लाख का राजस्व डाउन स्ट्रीम कांटे से प्राप्त होता है। वन निगम में इस वर्ष महज 200 फॉर्म ही बिक पाए हैं।
इधर, शक्तिमान यूनियन के अध्यक्ष मनोज गुप्ता का कहना है कि रायॅल्टी दरों में जब तक कमी नहीं की जाती, तब तक शारदा नदी से खनन निकासी नहीं की जाएगी। खनन निकासी के लिए पांच दिसंबर को ही शारदा नदी में गेट खोल दिए गए थे। लेकिन स्टोन क्रशर और शक्तिमान यूनियन में वार्ता भी विफल रही। सरकार के निर्णय के बाद ही स्थिति साफ होने का अंदेशा है।