देहरादून। मौसम के बदले मिजाज के बीच बारिश और ओलावृष्टि से रबी और औद्यानिकी फसलों को क्षति पहुंचने की सूचनाओं को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। इस कड़ी में सभी जिलों के जिलाधिकारियों और मुख्य कृषि अधिकारियों से फसल क्षति पर रिपोर्ट मांगी गई है। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के अनुसार रिपोर्ट मिलने के बाद इसके आधार पर किसानों को क्षतिपूर्ति देने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश में मौसम के मिजाज में अचानक आई तब्दीली से भले ही गर्मी से राहत मिली हो, लेकिन बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा से फसलों को नुकसान पहुंचा है।
वर्तमान में रबी की मुख्य फसल गेहूं के साथ ही मटर, मसूर, जौ, सब्जियों की फसल खेतों में खड़ी हैं तो सेब समेत अन्य फलों के फूल झड़ने से किसान चिंतित हैं। राज्य में तराई व भाबर क्षेत्र में गेहूं की फसल अप्रैल के दूसरे सप्ताह से कटनी प्रारंभ होती है, जबकि पहाड़ी क्षेत्र में मई में। ओलावृष्टि व तेज हवा ने इन फसलों को अधिक क्षति पहुंचने की सूचनाएं आ रही हैं। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के अनुसार खेती-औद्यानिकी पर मौसम की मार के संबंध में आ रही सूचनाओं को सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है। सभी जिलों से रिपोर्ट मिलने पर यह स्पष्ट हो सकेगा कि कहां कितनी क्षति हुई है। इसके आधार पर तय मानकों के तहत प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति दी जाएगी।