देहरादून। 16 मार्च से शुरू हो रही उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासन की ओर से कड़े इंतजाम किए गए हैं। परीक्षा केंद्रों के आस-पास 100 गज की परिधि में या जरूरत पड़ने पर इसके बाहर धारा 144 लागू रहेगी। किसी भी केंद्र के बाहर समाज विरोधी तत्वों के एकत्र होने पर जिला प्रशासन इसके लिए उत्तरदायी होगा। परीक्षा केंद्रों के आस-पास ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर रोक रहेगी।
शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक बोर्ड परीक्षाओं का निरीक्षण करने वाले और व्यवस्थापक लोकसेवक हैं। उन पर किसी तरह के हमले की घटना, दुर्घटना पर संबंधित के खिलाफ संज्ञेय अपराध में मुकदमा होगा। परीक्षा में नकल रोकने के लिए जिला और मंडल के अधिकारियों की ओर से गठित सचल दलों में कम से कम दो पुलिस कांस्टेबल और एक उपनिरीक्षक की तैनाती होगी। आदेश में कहा गया है कि परीक्षा केंद्रों पर बाहर से कराई जाने वाली नकल की रोकथाम के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट उत्तरदायी होंगे।
किसी केंद्र में सामूहिक नकल की सूचना होने या फिर इसका संदेह होने पर प्रश्नपत्र बदले जाएंगे या उस पाली की परीक्षा रद्द कर दी जाएगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि परीक्षा के दौरान मजिस्ट्रेट व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी परीक्षा केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। केंद्र व्यवस्थापक से मिलकर उनकी ऐसी कठिनाई दूर करेंगे जो सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित हो। इसके अलावा छात्रों के सिटिंग प्लान में किसी तरह की गलती पर केंद्र व्यवस्थापक इसके लिए जिम्मेदार होंगे। उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए प्रदेशभर में 1253 केंद्रों में 259430 छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे। इसमें हाईस्कूल के 1,27320 और इंटरमीडिएट के 1,32110 परीक्षार्थी शामिल हैं।