नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नौकरी के लिए जमीन घोटाले की जांच के सिलसिले में देश भर में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी प्रेम चंद गुप्ता, पार्टी विधायक किरण देवी और उनके पति अरुण यादव के आवासों पर छापेमारी की। इस घोटाले में कथित तौर पर पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं।
दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, गुरुग्राम, पटना, भोजपुर और आरा सहित विभिन्न 9 स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।सीबीआई ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। सीबीआई ने तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू यादव (2004-2009), उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, इसमें अज्ञात लोक सेवक और निजी व्यक्ति शामिल थे।
अधिकारी ने कहा, ‘उस अवधि के दौरान यादव ने रेलवे के विभिन्न जोन में समूह ‘डी’ पदों पर स्थानापन्न की नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था।’ पटना के कई निवासियों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से यादव और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में अपनी जमीन बेच दी और उपहार में दे दी। जोनल रेलवे में स्थानापन्न की ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी पटना के निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया।
सीबीआई ने कहा, पटना में स्थित लगभग 1,05,292 वर्ग फुट भूमि, अचल संपत्तियों को यादव और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पांच बिक्री विलेखों और दो उपहार विलेखों के माध्यम से अधिग्रहित किया गया था, इसमें अधिकांश में भूमि हस्तांतरण पर विक्रेता को किए गए भुगतान को दर्शाया गया था।