हिमाचल प्रदेश। बाहरी राज्यों से आने वाले कारोबारी (लदानी) अब बिना लाइसेंस प्रदेश की मंडियों में सेब नहीं खरीद पाएंगे। प्रदेश में पहली बार कारोबारियों के लिए लाइसेंस अनिवार्य करने की व्यवस्था लागू की जा रही है। बिना लाइसेंस कारोबारी को ऑक्शन यार्ड में जाने की अनुमति नहीं होगी। हर साल बाहरी राज्यों के कुछ कारोबारी प्रदेश की मंडियों में सेब खरीद कर गायब हो जाते हैं, जिससे बागवानों और आढ़तियों का पैसा डूब जाता है।
सेब खरीद के लिए आने वाले कारोबारी को कृषि विपणन बोर्ड के पोर्टल पर लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। एपीएमसी की ओर से ऑनलाइन ही लाइसेंस उपलब्ध करवाया जाएगा। कारोबारी की मदद के लिए मंडियों में हेल्प डेस्क भी स्थापित किए जाएंगे।
सेब सीजन के दौरान हर साल बांग्लादेश और नेपाल सहित आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, बंगलूरू, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, कोलकाता, महाराष्ट्र, हैदराबाद और उत्तर प्रदेश से 1,000 से 1,500 कारोबारी हिमाचल की विभिन्न मंडियों में सेब खरीदने आते हैं। कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर ने बताया कि सेब कारोबारियों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर लाइसेंस लिया जा सकता है। बिना लाइसेंस कारोबारी को ऑक्शन यार्ड में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बागवानों को उपज का पैसा न मिलने की शिकायतों का निपटारा करने के लिए गठित एसआईटी को अब तक 1,500 से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं, इनमें 150 से अधिक मामलों में एफआईआर भी दर्ज हुई हैं। बागवानों के करोड़ों रुपये का भुगतान सालों बाद भी लंबित है।