देहरादून। उत्तराखंड के छात्रों को आईएएस-पीसीएस समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अब मुफ्त कोचिंग मिलेगी। उनके लिए हर जिले में पुस्तकालय भी बनाए जाएंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री उत्थान और ज्ञानकोष योजना शुरू करने की घोषणा की। सीएम ने कहा, सीएम उत्थान योजना के तहत राज्य में छात्रों को आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, एनडीए, सीडीएस, मेडिकल एवं इंजीनियरिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग दी जाएगी। आर्थिक स्थिति की वजह से इन परीक्षाओं की तैयारी न कर पाने वाले छात्र-छात्राओं के लिए सुविधा होगी।
ऑनलाइन स्टडी मटेरियल, ऑफलाइन कक्षाएं, परीक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम, प्रश्न बैंक आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी, ज्ञानकोष योजना के तहत विभागीय छात्रावास, आश्रम पद्धति विद्यालयों और विभागीय प्रतिष्ठानों का उपयोग करते हुए हर जिले में समृद्ध पुस्तकालय की स्थापना, पुस्तकालयों का उपयोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा, छात्र, शिक्षक एवं समुदाय के सदस्य कर सकेंगे, पुस्तकालयों में योग्य अनुभवी और प्रोफेशनल व्याख्याताओं को सूचीबद्ध करते हुए एक संपर्क केंद्र बनाया जाएगा, जो प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित विषयगत समस्या को दूर करेंगे, पुस्तकालयों के उपयोग के लिए विशेषज्ञों को सूचीबद्ध करने, पुस्तकों की व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि की समीक्षा विशेषज्ञ समिति की ओर से की जाएगी।
सीएम ने पांच विषयों के चयनित 150 सहायक अध्यापकों को नियुक्तिपत्र देते हुए कहा, पीएम के मार्गदर्शन में राज्य में बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए एक अभिनव प्रयास के रूप में इस रोजगार मेले की शुरुआत की गई है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अधिक से अधिक मौके पर उपलब्ध करवाए जाएं। इसके लिए खाली पदों को भरने के लिए प्रयास के साथ ही नियमित समीक्षा की जा रही है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी हर 15 दिन में इसकी समीक्षा कर रही हैं।
शिक्षा में गुणवत्ता के लिए प्रदेश के एक हजार स्कूलों को क्लस्टर मॉडल स्कूल बनाया जाएगा। इनमें तीन किलोमीटर सीमा के तहत आने वाले प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल, हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट कॉलेजों को एक साथ जोड़ा जाएगा। इससे विभाग में शिक्षकों की कमी की समस्या दूर होगी। वहीं स्कूलों का उच्चीकरण एवं उन्हें साधन संपन्न बनाने में आसानी होगी। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि क्लस्टर स्कूलों में आने वाले छात्र-छात्राओं को किराये के रूप में प्रतिदिन 100 रूपये दिए जाएंगे। वर्तमान में दूरदराज के तीन हजार से अधिक बच्चों को सरकार स्कॉट की सुविधा दे रही है। इसमें छात्र को हर महीने 600 रुपये दिए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग में 270 स्कूलों को पीएम श्री योजना के तहत चयनित किया गया है। इनमें अवस्थापना कार्यों से लेकर पुस्तकालय, फर्नीचर, स्मार्ट क्लास सहित तमाम सुविधाओं एवं पठन-पाठन के लिए दो करोड़ तक की धनराशि केन्द्र सरकार की ओर से दी जाएगी।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 6 से 12 तक के ऐसे छात्र-छात्राओं को जो 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें 600 से लेकर 3000 रुपये तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना शुरू की जाएगी। राज्य सरकार राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 17 लाख छात्र-छात्राओं को मुफ्त पाठ्य पुस्तक, नोट बुक, स्कूली ड्रेस, स्कूल बैग व जूते उपलब्ध करा रही है। भविष्य में सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। राजकीय विद्यालयों के परिसरों में चल रहे 799 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए केंद्र सरकार ने छह करोड़ 23 लाख की धनराशि मंजूर की है। यह धनराशि समग्र शिक्षा के तहत केंद्रों को चाइल्ड फ्रेंडली फर्नीचर एवं आउट डोर प्ले मटीरियल उपलब्ध कराने के लिए है। सरकार की ओर से हर आंगनबाडी केंद्र को 78 हजार रुपये की धनराशि जारी कर दी गई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षा में गुणात्मक सुधार एवं नवाचार के लिए प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को 5-5 करोड़ दिए जाएंगे। डायटों के माध्यम से सभी शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही अभिभावकों को भी छात्रों के हित में प्रशिक्षण दिया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत राज्य में विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की जा रही है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने पांच करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। विद्या समीक्षा केंद्र शुरू होने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था शत-प्रतिशत ऑनलाइन हो जाएगी। जिसके तहत प्रत्येक विद्यालय का संपूर्ण विवरण के साथ ही छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन रहेगा। समीक्षा केंद्र के कंट्रोल रूम में बैठकर शिक्षकों एवं विद्यालयों में अध्यापन के कार्यों के साथ ही छात्रों एवं शिक्षकों की उपस्थिति का आंकलन भी ऑनलाइन किया जा सकेगा। 27 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इसका लोकार्पण करेंगे।