देहरादून। सरकार अवैध मज़ारें गिराकर सरकारी जमीन मुक्त कराके इतरा रही है और देहरादून में सरकारी जमीन पर रसूख़दार लोगों का कब्ज़ा कराने के लिए सरकारी सिस्टम जान दिए पड़ा है। पुलिस दरोगा का शासन के अपर सचिव से बातचीत करने का तरीक़ा देखिए, इतना क्रोधित है कि जैसे ख़ुद की ज़मीन हाथ से निकल गई हो, प्रोटोकॉल भूल गया और बेहतर ट्रेनिंग के घोर अभाव का सबूत भी दे गया।
उत्तराखंड तकनीकी विवि के पीछे राज्य स्तरीय अनुसंधान और वित्त प्रशिक्षण केंद्र है, उसके पीछे कुछ प्रभावशाली लोगो की जमीन है। लेकिन यहाँ तक आने वाला रास्ता उनकी जमीन तक नहीं जाता, यदि ये सरकारी रास्ता मिल जाय तो जमीन की क़ीमत पाँच गुणा बढ़ेगी। दो बार सरकारी दीवार को गिराया, दोनों बार पुलिस को तहरीर दी लेकिन कोई मुकदमा दर्ज नहीं, आज जब लोहे की ग्रिल की दीवार को केंद्र के अधिकारी चिनवाने लगे तो प्राइवेट लोगो के पक्ष में पुलिस ने काम रुकवाने के लिए मोर्चा संभाला लिया। लेकिन जब मामला शासन पहुंचा तो सरकारी जमीन फिलहाल जाते जाते बची।