उत्तरकाशी। देर शाम को डुंडा क्षेत्र में तेज वर्षा के साथ आकाशीय बिजली गिरने से करीब 350 भेड़ बकरियों की मौत हो गई। घटना डुंडा ब्लाक के खट्टूखाल क्षेत्र की है। भटवाड़ी ब्लाक के बार्सू गांव निवासी संजीव रावत अपनी भेड़ बकरियों को ऋषिकेश से उत्तरकाशी की तरफ ला रहे थे। देर शाम को तेज वर्षा के बीच खट्टू खाल गांव के बीच (जंगल) में आकाशीय बिजली गिरने से करीब 350 बकरियां झुलस कर मर गई है। भटवाड़ी ब्लाक प्रमुख विनीता रावत ने बताया कि घटना खट्टू खाल गांव के निकट की है, जिसमें सबसे बड़ी पशु हानि हुई है। तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि खट्टूखाल के निकट मथना तोक में यह घटना हुई है ।
रविवार की सुबह पशु चिकित्सकों की टीम के साथ राजस्व टीम घटनास्थल पर जाएगी करीब 350 बकरियों के आकाशीय बिजली से झुलस कर मरने की जानकारी मिली है। उत्तराखंड में बर्फबारी व वर्षा का क्रम शनिवार को भी जारी रहा। शुक्रवार रात से वर्षा हो रही थी। शनिवार को हिमालय की चोटियों में बर्फबारी हुई। पिथौरागढ़ में कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग बर्फबारी के चलते बंद हो गया है। तापमान में गिरावट आई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में अगले कुछ दिन हल्की वर्षा और बर्फबारी जारी रह सकती है। मौसम केंद्र ने ओलावृष्टि को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से आमजन के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। बेस चिकित्सालय सहित निजी क्लीनिकों में भी मरीजों की भीड़ नजर आ रही है। मौसम के उतार-चढ़ाव में तेज बुखार, सर्दी, जुकाम से पीड़ित मरीजों की तादाद काफी अधिक है।
कोटद्वार क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से मौसम में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। जहां सप्ताह भर पूर्व तक क्षेत्र में तापमान 32 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था, वर्षा के बाद तापमान 23 डिग्री तक लुढ़क गया। इसके बाद फिर पारा चढ़ा और वर्तमान में तापमान 29 डिग्री तक पहुंच रहा है। मौसम के इस उतार-चढ़ाव के कारण बीमारियों का प्रकोप भी तेजी से बढ़ रहा है। चिकित्सालयों में इन दिनों बुखार के मरीजों की तादाद काफी अधिक है। बेस चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डा.हरेंद्र कुमार का कहना है कि इलाज के साथ ही आमजन को बचाव के प्रति भी ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
कहा कि बदलते मौसम में सादा भोजन का सेवन करना चाहिए। खासतौर पर ठंडी चीजों के सेवन से बचना होगा। साथ ही पानी को उबाल कर पीने की जरूरत है। बताया कि खासी जुकाम होने की शिकायत पर भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचना भी बेहद जरूरी है।