वॉशिंगटन। अमेरिका के शीर्ष सांसद मार्क वॉर्नर ने भारत में राजदूत नहीं होने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि ‘यह शर्मिंदा करने वाला है’। खास बात है कि भारत में दो साल से अमेरिकी राजदूत नहीं है। साल 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एरिक गार्सेटी को नामित किया था, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के पास पर्याप्त वोट नहीं होने के चलते इस प्रस्ताव को सीनेट में पेश नहीं किया जा सका।
वॉर्नर ने कहा, ‘यह शर्मिंदगी की बात है कि हम कहते हैं कि भारत-अमेरिका संबंध दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक है और फिर भी हमने भारत में अपना राजदूत नियुक्त नहीं किया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि अगर मौजूदा उम्मीदवार पर्याप्ट समर्थन हासिल नहीं कर पाते हैं, तो उनके जितना ही योग्य उम्मीदवार तलाशा जा सकता है।
वॉर्नर पिछले सप्ताह भारत आए अमेरिकी संसद के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि भारतीयों ने भी इस अहम समय में देश में अमेरिकी राजदूत की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया।
शीर्ष डेमोक्रेटिक सांसद ने कहा कि हमारे भारतीय मित्रों ने एक और बात कही कि आप (भारत के साथ मजबूत संबंधों के बारे में) इतनी बातें करते हैं, लेकिन (भारत में) आपका राजदूत ही नहीं है। अब यह मुद्दा (गार्सेटी के नामंकन की पुष्टि) घरेलू राजनीति में फंस गया है, लेकिन मुझे लगता है कि हम सभी यह चाहते हैं कि राष्ट्रपति द्वारा नामित गार्सेटी की नियुक्ति की पुष्टि के लिए मतदान की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अगर उनके नाम की पुष्टि होती है तो अच्छा है। अगर ऐसा नहीं हो पाता, तो हमें तत्काल उतने ही योग्य और सक्षम दावेदार को तलाशना होगा। हम भारत में सीनेट द्वारा पुष्ट एक राजदूत के बिना इस संबंध को बरकरार नहीं रख सकते। अगर हम ऐसा नहीं करते, तो यह शर्मिंदगी की बात होगी।’
वहीं व्हाइट हाउस ने बुधवार को एरिक गार्सेटी का समर्थन करते हुए कहा कि वह भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में काम करने के योग्य हैं। इस बीच संसदीय समिति में शामिल रिपब्लिकन पार्टी के एक सांसद ने गार्सेटी के नामांकन पर रोक लगा दी, जिसके चलते इस मामले पर समिति में मतदान आठ मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया।