Breaking News
कांग्रेस कमाल की पार्टी, रोने बिसूरने में लगी
केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान, इस दिन होगी वोटिंग
विजिलेंस ने स्वास्थ्यकर्मी को रिश्वत लेते पकड़ा
सीएम धामी ने पीसीएस परीक्षा में चयनित 289 अधिकारियों को प्रदान किये नियुक्ति पत्र
भारत ने अमेरिका के साथ प्रीडेटर ड्रोन्स खरीदने का किया सौदा, भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत 
पीएमएवाई के लाभार्थियों के चयन के डिमाण्ड सर्वे को जल्द पूरा करने के निर्देश 
घरेलू टी20 प्रतियोगिता ‘सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी’ से हटा इम्पैक्ट प्लेयर नियम, बीसीसीआई ने किया एलान 
पर्यटकों के लिए खोला गया कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का बिजरानी जोन
भूस्खलन के चलते बंद गंगोत्री हाईवे लगभग आठ घंटे बाद आवाजाही के लिए खुला

केजरीवाल की राष्ट्रीय पार्टी

सवाल है कि आप के राष्ट्रीय पार्टी बन जाने और तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई के राष्ट्रीय पार्टी नहीं रह जाने के क्या बदल जाएगा? क्या आम आदमी पार्टी इन तीनों से बड़ी पार्टी हो जाएगी?

अरविंद केजरीवाल की एक तमन्ना पूरी हो गई। उनकी आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी हो गई है। इस देश में शायद ही कोई दूसरा नेता होगा, जिसने पार्टी बनाते ही उसको राष्ट्रीय बना देने का प्रयास शुरू कर दिया होगा। केजरीवाल ने 2011 में पार्टी बनाई थी और 2014 में पूरे देश में चुनाव लड़ गए थे। उन्होंने सवा चार सौ से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और खुद नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे वाराणसी चले गए थे। उस चुनाव में उनको जो झटका लगा उससे उनकी रफ्तार थोड़ी कम हुई। लेकिन फिर 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत से उनकी महत्वाकांक्षाओं को बहुत बढ़ा दिया। वे हर राज्य में चुनाव लडऩे लगे ताकि जल्दी से जल्दी आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिले।

पिछले साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव में करीब 13 फीसदी वोट हासिल करने के साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय पार्टी होने का मानदंड पूरा कर लिया। दिल्ली और पंजाब में उनकी सरकार है और गोवा में उनको सात फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। राष्ट्रीय पार्टी होने के कई मानदंडों में एक यह है कि चार राज्यों में छह फीसदी या उससे ज्यादा वोट मिले हों। सो, जैसे ही गुजरात में उनको 13 फीसदी वोट मिला उन्होंने चुनाव आयोग के सामने दावा पेश कर दिया। जब चुनाव आयोग ने फैसला करने में देरी की तो उनकी पार्टी ने कर्नाटक हाई कोर्ट में अपील कर दी कि चुनाव आयोग को जल्दी फैसला करने को कहा जाए। हाई कोर्ट ने आयोग को 13 अप्रैल की समय सीमा दी थी और उससे तीन दिन पहले आयोग ने 10 अप्रैल को आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने का ऐलान किया। साथ ही शरद पवार की एनसीपी, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म कर दिया।

अब सवाल है कि आप के राष्ट्रीय पार्टी बन जाने और तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई के राष्ट्रीय पार्टी नहीं रह जाने के क्या बदल जाएगा? क्या आम आदमी पार्टी इन तीनों से बड़ी पार्टी हो जाएगी? तृणमूल के 215 से ज्यादा विधायक और दोनों सदनों में 30 से ज्यादा सांसद हैं। यह आप के विधायकों, सांसदों की संख्या से बहुत ज्यादा है। सो, आप का राष्ट्रीय पार्टी बनना सिर्फ एक तकनीकी मामला है, जिससे आप को राजधानी दिल्ली में एक और कार्यालय की जगह मिल जाएगी और पूरे देश में झाड़ू चुनाव चिन्ह मिल जाएगा। पर मुश्किल यह है कि राष्ट्रीय पार्टी बनते ही केजरीवाल अपने को भाजपा और कांग्रेस दोनों का विकल्प मानने लगेंगे और ऐसी राजनीति करेंगे, जो अंतत: भाजपा से लडऩे की विपक्ष की साझा रणनीति को नुकसान पहुंचाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top