Breaking News
चारधाम यात्रा में उमड़ा भक्तों का सैलाब, अब तक 28 लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
बॉक्स ऑफिस पर धीमी हुई ‘हाउसफुल 5’ की रफ्तार, जानिए फिल्म का अब तक का टोटल कलेक्शन
प्रदेश के लिए मेडल जीतते ही नौकरी तैयार मिलेगी- रेखा आर्या
भू-कानून उल्लंघन पर जिला प्रशासन की सख्ती, अब तक 900 बीघा जमीन सरकार में निहित
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर ने सीएम धामी से की शिष्टाचार भेंट
कैंची धाम बाईपास परियोजना फिर अटकी, वन विभाग ने लौटाई फाइल
उत्तराखंड में मौसम का बदला रुख, कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी
पूरी नींद लेने के बाद भी दिनभर थकान और सुस्ती क्यों? आइये जानते हैं इसकी असली वजह
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ईरान को खुली चेतावनी, कहा- “परमाणु खतरे को हर हाल में खत्म करेंगे”

सिलक्यारा टनल से मजदूरों को निकालने का अब ये है प्लान, इंडियन आर्मी के पास ड्रिलिंग की कमान

उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग के काम में भारतीय सेना की इंजीनियरिंग कोर मदद करेगी। रविवार सुबह सेना की इंजीनियरिंग रेजीमेंट मद्रास इंजीनियर ग्रुप (एमईजी) की एक टुकड़ी सिलक्यारा पहुंच गई है जो यहां मैनुअल ड्रिलिंग का जिम्मा संभालेगी। दरअसल, सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम किया जा रहा था। करीब 47 मीटर तक ड्रिलिंग कर मलबे में 800 मिमी के पाइप डाल दिए गए थे कि बीते शुक्रवार शाम को ऑगर मशीन के ब्लेड सरियों में फंस कर टूट गए जिसके बाद से ही मशीन से ड्रिलिंग का काम ठप हैं।

वहीं फंसे हुए ऑगर को बाहर निकालने के लिए लेजर, प्लाज्मा व गैस कटर से कटिंग का काम जारी है। ऑगर को बाहर निकालने के बाद मैनुअल ड्रिलिंग की जाएगी। इसके लिए खासतौर पर भारतीय सेना की मद्रास इंजीनियर ग्रुप की टुकड़ी को बुलाया गया है। सूत्रों के अनुसार इस टुकड़ी में 30 जवान व अधिकारी शामिल हैं। जो कि तकनीकी में महारथ रखते हैं। यह सभी मैनुअल ड्रिलिंग के काम में हाथ बंटाएंगे। जिससे सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों तक 800 मिमी पाइपों से एस्केप पैसेज तैयार करने का काम पूरा किया जा सकेगा।

राहत एवं बचाव कार्य के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि भारतीय सेना मैनुअल ड्रिलिंग के काम में मदद करती है तो यह बहुत अच्छा रहेगा। मद्रास इंजीनियर ग्रुप को मद्रास सेपर्स के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय सेना में एक इंजीनियरिंग रेजीमेंट है। जो कि पैदल सेना के लिए पुल, हेलीपैड, नदी पर अस्थायी पुल आदि के निर्माण में सहायता देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top