हिमाचल प्रदेश। शिमला और चंडीगढ़ से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में विभिन्न देशों के वैज्ञानिक टमाटर उगा रहे हैं। इस अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) को 7 से 15 मार्च तक शिमला और चंडीगढ़ से फिर देखा जा सकेगा। एक बडे़ उपग्रह के रूप में इस स्पेस स्टेशन को तीन दिन तो छह-छह मिनट के लिए भी देखा जा सकेगा। स्पेस स्टेशन में इस महीने तक एक्सपीडिशन 68 के वैज्ञानिक शोध कार्य कर रहे हैं।
नासा की ओर से जारी सूचना के अनुसार इस स्पेस स्टेशन में अमेरिका, रूस, जापान और कजाकिस्तान के सात वैज्ञानिक शोधरत हैं। ये वहां माइक्रो ग्रेविटी में लाल बौने टमाटर को उगाने का प्रयोग कर रहे हैं। वे हृदय के काम करने की प्रणाली पर शोधरत हैं। स्पेस फ्लाइट में हृदय की कोशिकाओं पर किस तरह का असर होता है। कई अन्य पौधों में अंतरिक्ष में पड़ने वाले प्रभावों की भी जांच हो रही है। नासा ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन को देखे जाने का ताजा शेड्यूल जारी किया है।
ज्यादातर दिनों में इसे रात के खुलने से पहले देखा जा सकेगा। राजधानी शिमला से इस स्पेस स्टेशन को ज्यादातर सुबह के वक्त देखा जा सकेगा। यह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन धरती से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में एक चमकते तारे की तरह चलता हुआ नजर आएगा। शिमला की बात करें तो 7 मार्च को इसे सुबह 5 बजकी 41 मिनट पर 3 मिनट के लिए उत्तर से पूर्वोत्तर की ओर जाते हुए देखा जा सकेगा।
इसी तरह से 9 मार्च को इसे 5 बजकर 40 मिनट तक सुबह 6:00 मिनट के लिए पश्चिमोत्तर से दक्षिण-पूर्व की ओर जाते हुए देखा जा सकेगा। 11 मार्च को सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर 6 मिनट के लिए पश्चिमोत्तर से दक्षिण-पूर्व की ओर जाते हुए देख सकेंगे। इसी तरह से 15 मार्च को इसे 6 मिनट के लिए शाम 7 बजकर 10 मिनट पर दक्षिण-पश्चिम से पूर्वोत्तर की ओर जाते हुए देख सकेंगे। इसी तरह से अन्य दिनों की समय ही दिनों की समय सारणी भी नासा ने जारी की है चंडीगढ़ में उसे देखे जाने का शरीर भी इसके आसपास ही रहेगा।