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टेक्सटाइल मेगा पार्क- मेक इन इंडिया के तहत पूरी दुनिया के लिए भारतीय उत्पाद निर्माण की ओर एक बड़ा कदम

पीयूष गोयल  
प्राचीन काल से चली आ रही भारतीय वस्त्रों की समृद्ध परंपरा, एक लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार है, जो देश को एक वैश्विक निवेश, विनिर्माण और निर्यात केंद्र बना देगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में सात पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क के निर्माण की घोषणा की है। ये मेगा टेक्सटाइल पार्क 4,445 करोड़ रुपये के परिव्यय से निर्मित किए जाएंगे। इस क्षेत्र की  अवसंरचना के लिए, यह अब तक की सबसे बड़ी पहल होगी।

प्रधानमंत्री के 5एफ विजन (खेत से फाइबर से फैक्टरी से फैशन से विदेश तक) से प्रेरित होकर, पीएम मित्र पार्क योजना; आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल पहल को हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ये मेगा पार्क इस क्षेत्र को 2030 तक 250 बिलियन डॉलर के कारोबार और 100 बिलियन डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेंगे। मेगा टेक्सटाइल पार्क वस्त्र क्षेत्र में व्यापक बदलाव करेंगे और प्रत्येक स्थल पर विश्व स्तरीय सुविधाओं, अत्याधुनिक अवसंरचना और एकीकृत मूल्य श्रृंखला की मदद से वैश्विक चैंपियन तैयार करेंगे। निर्माण और विकास करने वाली एक प्रमुख कंपनी का चयन किया जाएगा, जो पीएम मित्र पार्क की डिजाइन, योजना, निर्माण, वित्तपोषण, संचालन और रख-रखाव के लिए जिम्मेदार होगी। यह उद्योग के लिए एक बड़ी छलांग है, क्योंकि मूल्य श्रृंखला वर्तमान में पूरे देश में बिखरी हुई है, जो श्रृंखला के प्रत्येक संपर्क-बिंदु पर लागत और विलंब में वृद्धि करती है।

भारतीय उद्योग विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन जायेंगे, क्योंकि पार्क उत्पादन बढ़ाने, लागत में कटौती करने, दक्षता में सुधार करने और उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्रों व परिधानों की आपूर्ति में मदद करेंगे।   ये मेगा पार्क रोजगार के लगभग 20 लाख प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष अवसरों का सृजन करेंगे और अनुमानित 70,000 करोड़ रुपये के घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित करेंगे। ये मेगा पार्क शून्य द्रव रिसाव, साझा अपशिष्ट शोधन संयंत्र, उत्सर्जन मुक्त नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग और वैश्विक सर्वोत्तम तौर-तरीकों को अपनाने के साथ, सतत विकास के शानदार उदाहरण होंगे। ये मेगा पार्क ऐसे उत्पादों के निर्माण करने के प्रधानमंत्री के आह्वान के अनुरूप हैं जिनमें कोई खामी न हो और पर्यावरण पर जिनका कोई दुष्प्रभाव न हो।

यह रेखांकित करना प्रासंगिक है कि सदियों से, भारतीय वस्त्रों ने वैश्विक पहचान बनाई है, लेकिन दुर्भाग्य से, पिछली सरकारों द्वारा इस क्षेत्र को काफी अनदेखा किया गया। यह प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता थी, जिसके तहत वस्त्र क्षेत्र के लिए पीएम मित्र योजना शुरू की गयी है। भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य आधारों में से एक- वस्त्र क्षेत्र, भारतीय निर्यात का एक अहम हिस्सा है और इस क्षेत्र में साधारण किसानों से लेकर शहर के संपन्न निवासियों व व्यापार जगत के अग्रणी लोग तक शामिल हैं। वस्त्र क्षेत्र लाखों लोगों के लिए आजीविका का स्रोत है। पीएम मित्र पार्क स्थापित करने के लिए 13 राज्यों से 18 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से सात मेगा पार्कों का चयन किया गया, जिन्हें पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय अवसंरचना मास्टरप्लान द्वारा मान्यता दी गयी थी। यह सहयोगी संघवाद का एक और उदाहरण है, क्योंकि केंद्र और संबंधित राज्य, दोनों ही विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) के भागीदार होंगे, जो इन मेगा पार्कों की स्थापना और प्रबंधन करेगी।

इन पार्कों की स्थापना हेतु राज्य सरकारें कम से कम 1,000 एकड़ भूमि उपलब्ध करायेंगी। राज्य सरकारें उत्पादन प्रक्रिया के सुचारु संचालन एवं व्यापार करने में आसानी को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक अनुकूल व स्थिर नीतिगत व्यवस्था के साथ-साथ बिजली एवं पानी की आपूर्ति तथा कचरे के निपटारे की एक भरोसेमंद व्यवस्था तथा एकल खिडक़ी मंजूरी की एक कारगर सुविधा भी प्रदान करेंगी। इन मेगा पार्कों में उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे एवं प्लग-एंड-प्ले सुविधाओं के साथ-साथ वस्त्र उद्योग के लिए आवश्यक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संबंधी सहायता भी उपलब्ध होंगी। ये पार्क एक ऐसा अनूठा मॉडल पेश करेंगे जहां केन्द्र और राज्य सरकारें निवेश बढ़ाने, नवाचार को प्रोत्साहित करने, रोजगार सृजित करने और वस्त्र के क्षेत्र में भारत को दुनिया में अग्रणी बनाने हेतु मिलकर काम करेंगी।

वस्त्र उद्योग ने सरकार की इस महत्वपूर्ण पहल के प्रति उत्साहवर्द्धक प्रतिक्रिया दी है। सरकार द्वारा यह पहल सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद शुरू की गई है। सीआईआई और फिक्की जैसे शीर्ष उद्योग संगठनों के साथ-साथ वस्त्र क्षेत्र से जुड़े प्रमुख उद्योग संघों ने पीएम मित्र मेगा पार्कों की स्थापना की घोषणा की सराहना की है।
उद्योग संगठनों ने यह उम्मीद व्यक्त की है कि अपेक्षाकृत कम लॉजिस्टिक्स लागत, आधुनिक बुनियादी ढांचा, वैश्विक स्तर पर व्यापार की संभावनाएं और केन्द्र एवं राज्य सरकारों की सहायक नीतियां भारतीय वस्त्र उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जायेंगी और भारतीय व विदेशी उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध करायेंगी।
वस्त्र मंत्रालय इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा। मंत्रालय प्रत्येक पार्क के एसपीवी को विकास हेतु पूंजीगत सहायता के रूप में ग्रीनफील्ड पार्कों के लिए 500 करोड़ रुपये और ब्राउनफील्ड पार्कों के लिए 200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इसके अलावा, वह कार्यान्वयन को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रत्येक पार्क में स्थित इकाइयों को 300 करोड़ रुपये तक की राशि प्रदान करेगा। यह कदम अतिरिक्त प्रोत्साहन देने हेतु अन्य सरकारी योजनाओं के साथ समन्वय की सुविधा भी प्रदान करेगा।

पीएम मित्र के प्रावधान वैसे मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए सरकार की विभिन्न पहल के साथ सामंजस्य बिठाते हैं, जो विकसित बाजारों में हमारे भारतीय वस्त्रों, परिधानों तथा कई अन्य क्षेत्रों के लिए व्यापार की संभावनाओं को बेहतर बनाते हैं। भारत पहले ही संयुक्त अरब अमीरात एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है और कनाडा, ब्रिटेन एवं यूरोपीय संघ के साथ इस संबंध में बातचीत कर रहा है। इन प्रयासों से भारतीय वस्त्रों को लाभकारी विकसित बाजारों में अपनी पैठ मजबूत करने में मदद मिलेगी और वस्त्र एवं परिधान के वैश्विक व्यापार में देश की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

भारत की गिनती पहले ही दुनिया के सबसे बड़े वस्त्र एवं परिधान निर्यातक देशों में से एक के रूप में होती है। लेकिन अब जबकि देश 2047 तक प्रधानमंत्री मोदी के निर्णायक एवं दूरदर्शी नेतृत्व में एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है, अमृत काल में हमारी आकांक्षा दुनिया का सबसे बड़ा वस्त्र निर्यातक देश बनने की है। पीएम मित्र के जरिए हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
(लेखक, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता हैं)

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