Breaking News
चौंदकोट को पिछड़ा क्षेत्र घोषित करने की मांग
सर्दियों में तमाम लोग नहाते हुए करते हैं ये गलती, डैंड्रफ की है सबसे बड़ी वजह
राष्ट्रीय खेलों की आयोजन तिथि पर लगी मुहर, 28 जनवरी 2025 से देवभूमि उत्तराखंड करेगा नेशनल गेम्स की मेजबानी
स्वास्थ्य विभाग को मिले 40 और नर्सिंग अधिकारी
बाइडन बहुत कमजोर राष्ट्रपति साबित हुए
मुख्य सचिव ने जल आपूर्ति योजनाओं के सोशल ऑडिट में स्थानीय महिलाओं को शामिल करने के दिए सख्त निर्देश
उत्तर प्रदेश को मिला 76वां जिला, नाम होगा ‘महाकुंभ मेला’
मुख्यमंत्री धामी ने पहली जौनसारी फीचर फिल्म “मेरे गांव की बाट” का प्रोमो और पोस्टर किया लांच
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल

दोनों देशों के रिश्ते और होंगे प्रगाढ़

अजय दीक्षित
प्रधानमंत्री मोदी की तीन दिवसीय ऑस्ट्रेलिया यात्रा से दोनों देशों के वीच द्विपक्षीय रिश्ते और रणनीतिक साझेदारी और अधिक मजबूत हुए हैं। नई दिल्ली और कैनवरा के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और नई ऊंचाइयों पर ले जाने का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया जाना चाहिए। नरेन्द्र मोदी 2014 में भारत के प्रधानमंत्री वने और उसी वर्ष नवम्बर में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया राजकीय यात्रा की। उनके पहले 1986 में तव के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने नवरा की यात्रा की थी। कहा जा सकता है कि करीव तीस वर्षों का कालखंड ऐसा रहा जिसमें किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री को ऑस्ट्रेलिया की याद नहीं आई।

या हो सकता है कि उस समय का वैश्विक परिदृश्य ऐसा नहीं था कि भू- राजनीतिक दृष्टि से ऑस्ट्रेलिया भारत के लिए बहुत महत्त्व नहीं रखता हो। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा इस अर्थ में ज्यादा महत्त्वपूर्ण है कि दोनों देशों के रिश्ते अव आम जनता के स्तर तक पहुंच गए हैं। भारतीय मूल के लोगों के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्वनीज, वहां के पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेताओं की उपस्थिति यह बताती है कि ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत कितना महत्त्वपूर्ण हो गया है। भारत के लिए भी ऑस्ट्रेलिया कि महत्त्वपूर्ण है, यह इस बात से रेखांकित होता है कि कैनवरा की यह यात्रा क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए आयोजित हुई थी। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो वाइडन ने घरेलू संकट के कारण यहां उपस्थित होने का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था।

ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा को रद्द भी कर सकते थे लेकिन उनको अपने कार्यक्रम के अनुसार वहां जाना अनिवार्य लगा। यह दर्शाता है कि ऑस्ट्रेलिया भारत के लिए कितना अहमियत रखता है। प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय रिश्तों में निरंतरता बनाए रखना चाहते हैं। इंडो-पैसिफिक में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर अंकुश लगाने के लिए क्वाड में जापान, अमेरिका के साथ भारत और ऑस्ट्रेलिया इसके सदस्य हैं। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी से हाल ही में वहां के मंदिरों में हुए हमलों और खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों का मामला भी जोरदार ढंग से उठाया। एंथनी ने प्रधानमंत्री मोदी को जिस तरह से बॉस कहकर संबोधित किया उससे लगता है। कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top