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आयुष्मान भारत से आयुष्मान भव:

डॉ. मनसुख मांडविया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। इस योजना की शुरुआत राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के प्रावधानों के तहत सबको स्वास्थ्य की परिकल्पना को साकार करने के लक्ष्य के साथ की गई थी। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के कोने—कोने में रह रहे लोगों तक व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके तहत बचाव और जागरूकता से लेकर प्राइमरी, सेकेंडरी और टर्शियरी स्तर तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं कैसे सुनिश्चित हों, इसकी पूरी व्यवस्था हेल्थ ऐंड वेलनेस सेंटर्स और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से की गई।

मोदी सरकार का लक्ष्य यह है कि देश के हर कोने में रह रहे जन—जन तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही आयुष्मान भव: अभियान लॉन्च किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपीद मुर्मू ने 13 सितंबर, 2023 को इस अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के तहत जन आरोग्य योजना को जन—जन तक ले जाने, हर किसी का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट आईडी बनाने और विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं देने का लक्ष्य रखा गया है। कई तरह की बीमारियों की पहचान के लिए व्यापक स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था की गई है। इनमें टीबी, हाइपरटेंशन, सिकल सेल डिजिज, मधुमेह आदि के लिए गांवों और शहरों में जांच अभियान चलाया जाना है।

आयुष्मान भव: का मूल लक्ष्य देश के 6.45 लाख गांवों और 2.55 लाख ग्राम पंचायतों तक पहुंचने का है। ताकि लोगों के बीच इन योजनाओं को लेकर जागरूकता आए और वे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकें। हमारे प्रेरणास्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की अंत्योदय के सिद्धांत के अनुकूल इस अभियान को तैयार किया गया है ताकि स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ समाज के हर एक व्यक्ति को मिल पाए। सबको स्वास्थ्य के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस अभियान के तहत सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसमें अंग दान अभियान चलाना शामिल है। साथ ही स्वच्छता अभियान और रक्त दान अभियान जैसे कई और गतिविधियां चलाई जाएंगी। इस अभियान के तीन मूल आधार हैं: आयुष्मान आपके द्वार, आयुष्मान सभा और आयुष्मान मेला। इसके तहत समाज केंद्रित सोच के साथ जन—जन तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने का काम किया जाएगा।

आयुष्मान आपके द्वार का यह तीसरा संस्करण है। पहले के दो संस्करणों के सफलताओं को यह आगे बढ़ाएगा। इसके तहत आयुष्मान कार्ड बनाने में और तेजी लाई जाएगी। आयुष्मान सभा के जरिए गांवों के स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर जागरूकता का प्रसार किया जाएगा। आयुष्मान मेला के माध्यम से स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न चिंताओं का समाधान करने का काम किया जाएगा। आयुष्मान आपके द्वार अभियान की शुरुआत पूरे देश में 17 सितंबर को होगी और यह 31 दिसंबर तक चलेगा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तकरीबन 60 करोड़ लाभार्थियों में से अधिक से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का काम इस अभियान के तहत होगा। ताकि कोई भी बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं से अछूता न रहे।

आयुष्मान सभा की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर, 2023 से होगी। 31 दिसंबर, 2023 तक चलने वाले इस अभियान के तहत देश भर के गांवों और शहरों में इन आयोजन होगा। इसके जरिए मुख्य तौर पर जन—जन तक स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर जागरूकता का प्रसार किया जाएगा। जनभागीदारी से जनकल्याण की भावना विकसित करते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था में जनभागीदारी सुनिश्चित करने का काम भी इसके तहत किया जाएगा। इसमें आयुष्मान कार्ड का वितरण, सूचीबद्ध अस्पतालों के बारे में जानकारी, आयुष्मान भारत हेल्थ आईडी बनाने, स्क्रीनिंग सेवाएं, स्वास्थ्य चर्चा जैसी गतिविधियों का आयोजन होगा। इनमें स्थानीय सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधियों के अलावा सरकार के विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के लाभार्थी शामिल होंगे।

आयुष्मान मेला का आयोजन हर हफ्ते गांवों के स्तर पर देश के सभी 1.6 लाख हेल्थ ऐंड वेलनेस सेंटर्स पर होगा। साथ ही प्रखंड स्तर पर इसका आयोजन मेडिकल कॉलेजों के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होगा। इन मेलों के माध्यम से ईएनटी, आंख, मानसिक बीमारी आदि के लिए परामर्श और ईलाज की सुविधा एक बहुत बड़ी आबादी को मिलेगी। साथ ही लोगों में स्वास्थ्य को लेकर व्यापक जागरूकता का प्रसार होगा। इन सभी कोशिशों के माध्यम से हर गांव को आयुष्मान ग्राम पंचायत और हर शहरी वार्ड को आयुष्मान शहरी वार्ड बनाना है। ऐसा करके जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य के मामले में स्थिति बेहद मजबूत होगी। जिन गांवों में आयुष्मान कार्ड वितरण, आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट, स्क्रीनिंग और संक्रामक व गैरसंक्रामक बीमारियों के ईलाज के मामले में 100 प्रतिशत कवरेज होगा, उन्हें प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।

स्वास्थ्य सेवाओं को जन—जन तक ले जाना सिर्फ हमारा लक्ष्य नहीं बल्कि यह मोदी सरकार की प्रतिबद्धता है। यह प्रतिबद्धता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी स्वस्थ भारत की परिकल्पना का अंग है। वृहदाकारण्य उपनिषद में कहा गया है, सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दु:खभाग् भवेत्। सर्व कल्याण का जो संदेश इसमें समाहित है, उसे जमीन पर उतारने के लिए आयुष्मान भव: की परिकल्पना केंद्र सरकार ने की है। इस अभियान के जरिए हमें सबका स्वास्थ्य सुनिश्चित करते हुए स्वस्थ भारत से समृद्ध भारत की राह पर आगे बढऩा है।

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