देहरादून। उत्तराखंड में ड्रोन संचालन को बढ़ावा देने के लिए कॉरिडोर बनाए जाएंगे। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने ड्रोन संचालन व निर्माण कंपनियों से प्रस्ताव मांगें हैं। इन प्रस्तावों का अध्ययन करने के बाद यूकाडा के माध्यम से डीजीसीए को प्रस्ताव भेजा जाएगा। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि पिछले दिनों ड्रोन नीति बनाने के दौरान सभी हितधारकों की बैठक हुई थी। इसमें हितधारकों विशेषकर ड्रोन निर्माता व संचालकों से संभावित ड्रोन कॉरिडोर का प्रस्ताव मांगा गया है।
उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव आने के बाद राज्य के हवाई नक्शे के हिसाब से इसका अध्ययन किया जाएगा। फिर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के माध्यम से नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को प्रस्ताव भेजा जाएगा। डीजीसीए से अनुमति मिलने के बाद राज्य में ड्रोन के कॉरिडोर तय हो जाएंगे। सभी जिलों में ड्रोन संचालन के लिए जो कॉरिडोर बनेंगे, उन्हें आपस में लिंक किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश में ड्रोन के समर्पित रास्तों का पूरा नेटवर्क तैयार हो जाएगा। नियम को तोड़ने वालों पर भविष्य में कार्रवाई भी हो सकेगी।
ड्रोन कॉरिडोर बनाने के पीछे एक मकसद यह भी है कि इससे ऐसे रास्ते तैयार किए जाएंगे, जो हवाई सेवाओं को बाधित न करें। वहीं, सीमांत प्रदेश होने के नाते तमाम प्रतिबंधित क्षेत्रों को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी।