Breaking News
हालात से तंग आकर मजदूर ने पेड़ से लटककर की खुदकुशी, परिवार में छाया मातम 
राज्य ने कई पुराने मिथकों को तोड़ते हुए किए कई ऐतिहासिक कार्य – मुख्यमंत्री धामी 
पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की पति की हत्या, दोनों आरोपी गिरफ्तार
विपक्ष नेता आतिशी ने महिला समृद्धि योजना को लेकर एक बार फिर रेखा सरकार पर साधा निशाना 
तमन्ना भाटिया की आगामी फिल्म ‘ओडेला 2’ की रिलीज डेट का हुआ एलान, 17 अप्रैल को देगी सिनेमाघरों में दस्तक 
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पुलिस कांस्टेबल भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को एक और मौका 
क्या आप भी रहते हैं मुंह के छालों से परेशान, तो इन घरेलू नुस्खों की मदद से पा सकते हैं आराम 
कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों का किया उत्पीड़न तो होगी कड़ी कार्रवाई- कुसुम कण्डवाल
आईपीएल 2025 का आज से होने जा रहा आगाज, पहले मुकाबले में केकेआर से भिड़ेगी आरसीबी

हरकी पैड़ी पर सोमवती अमावस्या के स्नान के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

हरिद्वार। सोमवती अमावस्या पर हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी पड़ी है। इस बार सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने से श्रद्धालुओं पर भगवान आशुतोष की अपार कृपा बरसेगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस बार अमावस्या सोमवार को पड़ रही है और परिघ योग एवं शिव योग का विशेष संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग सैकड़ों वर्षों में ही कभी-कभी आता है। इससे पूर्व यह लगभग 255 वर्ष पहले बना था।

ज्योतिषाचार्यों का दावा है कि सोमवती अमावस्या पर पड़ रहे परिघ और शिव योग के विशेष संयोग में स्नान करने से बेहद ही पुण्य लाभ मिलेगा। मान्यता है कि परिघ योग शत्रुओं पर विजय दिलाता है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। यह वर्ष में केवल एक अथवा दो बार ही पड़ती है। सुबह 03:57 बजे से लेकर यह 11:03 बजे तक है। इसके बाद से पूरे दिन शिव योग रहेगा। मान्यता है कि अमावस्या पर गंगा स्नान करने से देवों के देव महादेव की विशेष कृपा बरसेगी। परिघ योग में गंगा स्नान करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है। इस योग के स्वामी शनिदेव हैं, जबकि शिव योग भक्ति और साधना के लिए सर्वोत्तम है।

मान्यता है कि इसी योग में रावण ने भगवान शिव की कठोर तपस्या करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया था। तब भगवान आशुतोष ने प्रसन्न होकर रावण को त्रिलोक विजेता होने का वरदान और आशीर्वाद दिया था। रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र को रावण तांडव स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस स्तोत्र की रचना रावण द्वारा की गई थी। इस स्तोत्र में रावण ने 17 श्लोंको से भगवान शिव की स्तुति गाई है। शिव योग में ही रावण द्वारा शिव तांडव स्त्रोत की रचना करने का भी प्रमाण मिलता है।

स्नान और व्रत करने वालों के लिए विशेष फलदायी

ज्योतिषाचार्य विकास जोशी बताते हैं कि सोमवार को पंचाग की भाषा में चंद्रवार कहते हैं। यह दिन भगवान शिव को अति प्रिय है। इसलिए श्रद्घालुओं की ओर से सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। इस दिन कुछ श्रद्घालु भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं। सोमवार व्रत के साथ यदि गंगा स्नान किया जाए तो व्रत करने का लाखों गुना पुण्य मिलता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top