Breaking News
इन आदतों से पड़ता है सेहत पर बुरा असर, सेहतमंद रहने के लिए अपनी दिनचर्या में करें सुधार
भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज का आखिरी मुकाबला आज 
निरंजन पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 आचार्य महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी कैलाशानन्द गिरि जी महाराज की उपस्थिति में मुकेश अंबानी ने की मां गंगा की पूजा अर्चना
सूबे में सरकार ने घोषित किये 13 आदर्श संस्कृत ग्राम
गोल्डन कार्ड सुविधा बंद: जनता के स्वास्थ्य अधिकारों पर संकट गहराया
मुख्यमंत्री धामी ने टिहरी झील कोटी कॉलोनी में क्याकिंग -कैनोइंग प्रतियोगिता का किया शुभारंभ
प्रधानमंत्री की वर्षा जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने की बड़ी पहल है वाटशेड यात्रा- महाराज
क्या आप भी अक्सर दांतों में दर्द और सड़न से रहते हैं परेशान, तो इन घरेलू नुस्खों की मदद से पा सकते हैं आराम 
सीएम धामी ने खटीमा में किया राष्ट्रीय मलखंब प्रतियोगिता का शुभारंभ

पंच केदार में गिने जाने वाला तुंगनाथ मंदिर 6 डिग्री तक झुका, अंदर बनी मूर्तियों में आया 10 डिग्री तक का झुकाव

रुद्रप्रयाग। तुंगनाथ मंदिर एशिया में समुद्रतल से सबसे ऊंचाई पर स्थित शिवालय है। पंच केदार में गिने जाने वाला तृतीय तुंगनाथ मंदिर 5 से 6 डिग्री तक झुक गया है जबकि मंदिर के अंदर बनी मूर्तियों और सभामंडप में 10 डिग्री तक झुकाव आ गया है। इस बारे में श्रीबद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने एएसआई को पत्र भेजा है। इसमें मंदिर का संपूर्ण अध्ययन कर यथाशीघ्र संरक्षण करने को कहा गया है। मंदिर के मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी का कहना है कि वर्ष 1991 में आए भूकंप और समय-समय पर प्राकृतिक आपदाओं से मंदिर पर व्यापक असर पड़ा है। वर्ष 2017-18 में एएसआई ने मंदिर का सर्वेक्षण करने के लिए ग्लास स्केल भी लगाईं थी। अब विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर मंदिर में झुकाव आने की बात कही है।

वर्ष 1991 के उत्तरकाशी भूकंप और 1999 के चमोली भूकंप के साथ ही 2012 की ऊखीमठ व 2013 की केदारनाथ आपदा का भी इस मंदिर पर असर पड़ा है। मंदिर की बाहर की दीवारों से कई जगहों पर पत्थर छिटके हुए हैं। सभामंडप की स्थिति काफी खराब हो गई है। साथ ही गर्भगृह का एक हिस्सा झुक गया है। तुंगनाथ मंदिर के संरक्षण व संवर्धन के लिए मंदिर समिति सक्षम है। मंदिर के पुनरोद्धार को लेकर जो भी कार्य होंगे, वह एएसआई व सीबीआरआई और अन्य संस्थाओं के विशेषज्ञों की सलाह पर किए जाएंगे। लंबे समय से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की कवायद चल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top